
गणेश महोत्सव: भाव के रंग से रंगे गजानन, उम्मीदों से खिले मूर्तिकार
Ganesh Mahotsavnews: धौलपुर. एक सप्ताह बाद गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त में 19 सितंबर को गणपति बप्पा का आगमन होगा। 10 दिवसीय उत्सव में जयकारे लगेंगे तो हर राह पर श्रद्धा का भाव बनेगा। धार्मिक उत्सव को लेकर मूर्तिकार भी प्रतिभाओं में भाव के रंग भरने लगे हैं। यहां पर चार-पांच आकार की प्रतिमाओं में भगवान के रूप तैयार हो रहे हैं। अच्छी बिक्री की उम्मीद में मूर्तिकार भी उम्मीदों से खिले हुए हैं। प्रतिमाओं की बेहतर बिक्री को रंग भरे जा रहे हैं। पीओपी और जूट से प्रतिमा तैयार करने का काम होने लगा है। इस बार बप्पा की ऐसी प्रतिमाओं पर महंगाई का असर भी दिख रहा है।
शहर में गणेश चतुर्थी पर घर और सार्वजनिक पांडालों में गजानन को विराजित करने की तैयारियां होने लगी हैं। युवा श्रद्धालुओं की टोली इसके लिए जुटने लगी है तो शहर में कई स्थानों पर पूजन और विसर्जन के लिए गणपति की छोटी से बड़ी प्रतिमाएं तैयार करके रंग भरने का काम होने लगा है। एक अनुमान के अनुसार जिले में 200 सौ से अधिक स्थानों पर बप्पा को विराजमान किया जाएगा। शहर में ही 50 से अधिक स्थानों पर गणपति आराधना की तैयारी होने लगी है। कलाकारों को अच्छी आय की उम्मीद में मूर्तिकार भी गजानन की प्रतिमाओं को संवारने में जुटे हैं।
चार आकार में बन रही मूर्तियां
घर और सार्वजनिक स्थानों पर विराजमान करने के लिए गणपति की चार साइजों में मूर्तियांं तैयार हो रही हैं। शहर में जिला अस्पताल के पीछे गणपति की प्रतिमाओं में रंग भरने में जुटे मूर्तिकार सुमित कुमार ने बताया कि पीओपी और जूट आदि से प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। उनके दादा पहले कई बाहर से प्रतिमा बनाने का काम सीखकर आए थे। अब उनके बाद वह इस कालाकारी को निखार रहे हैं। सुमित का कहना है कि एक फीट की प्रतिमा 350 रुपए में, दो फीट की 700 रुपए और छह फीट की प्रतिमा 55 सौ रुपए में उपलब्ध है। कपड़े वाली प्रतिमाओं की कीमत अलग है। प्रतिमाओं में पांच रंग भरे जा रहे हैं।
महंगाई यहां भी दिख रहा असर
गणेश प्रतिमाओं पर इस बार महंगाई भी है। आगरा और अहमदाबाद से आने वाले रंग इस बार महंगे आए हैं। जबकि पीओपी पर भी दाम बढ़े हैं। ऐसे में हर प्रतिमा पर मूर्तिकारों ने रेट भी बढ़ाए हैं। पहले के मुताबिक इस साल रंग के 15 फीसदी दाम बढ़े हुए है। जिससे महंगाई का असर है। यहां गुलाब बाग के पास बिक्री के लिए मूर्तियां आ चुकी हैं।
शहर में यहां होते हैं कार्यक्रम
शहर में लाल बाजार, भामतीपुरा, धूलकोट, पटपरा रोड, पुराना शहर, सैंपऊ रोड समेत शहर में कई स्थानों पर लोग चंदा एकत्र कर पाण्डाल सजाते हैं। इसके बाद धूमधाम से गणपति बप्पा को स्थापित किया जाता है। शहर में चार या पांच दिन गणपति को स्थापित किया जाता है। इसके बाद धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ इन्हें चंबल नदी में जयकारों के साथ विसर्जित किया जाता है।
Published on:
15 Sept 2023 06:26 pm
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